मंगलवार, 30 अगस्त 2011

जनून-ए-इश्क की वहशत में दिल अब खो गया ना ?!


अजी लो आप को भी इश्क देखो हो गया ना .
अजी सुख चैन देखो आप का भी खो गया ना.

बड़ा दावा ,ये कहते थे :कि है ये इश्क क्या शै ?!
अजी लो देखते ही देखते ;दिल तो गया ना .?!

अभी कल ही कहा था आपने जी हमको मजनूं;
जनून-ए-इश्क की वहशत में दिल अब खो गया ना ?!

चिरागां हो सकेगा तब जलाओ दिल ये पहले ;
कहो हम से ही फिर हम से जी कुछ कह दो नया हाँ

तराना प्यार का ;दिलबर ! सुनाओ,हम सुनेंगे ;
सुनेंगे हम फसाना इश्क का ,दिल का बयाँ हाँ .

जलेंगे दीप से जब दीप दिलदारा सुनो ! तो ;
रहेगा तिशनगी का दौर जी फिर तो कहाँ , हाँ ?!
दीपज़ीर्वी 9815524600