----काव्य अंजुली----- दीप जीरवी

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

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Posted by ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਸਰਨਾਵਾਂ at 5:07 am

2 टिप्‍पणियां:

Daisy ने कहा…

Happy Valentine Gifts Online
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24 जनवरी 2021 को 7:22 am बजे
PurpleMirchi ने कहा…

Send Birthday Gifts for boyfriend Online

22 जनवरी 2022 को 2:02 am बजे

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मैं तुझे ओढ़ता बिछाता रहू तुम से तुम को सनम चुराता रहू . तू मेरी ज़िन्दगी है जान.ए.गज़ल ज़िन्दगी भर तुझे ही गाता रहू. तुम यूँही मेरे साथ साथ चलो , मैं जमाने के नभ पे छाता रहू . गुल जो पूछे कि महक कैसी कहो? तेरी खुशबु से मैं मिलाता रहू . ऐ मुहब्बत नगर की देवी सुनो , तेरे दर पर दीप इक जलाता रहू

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