जुल्फ रुखसार पे जरा बहकी ;
देखिये न तभी हवा बहकी .
यार!मयखाने हैं झुकी पलकें ;
साँस चलती है दिलरुबा बहकी .
मरमरी जिस्म ,उफनता यौवन ;
मेरी नीयत कहा कहा बहकी .
साँस कुछ तेज़ तेज़ चलती है ;
मोहनी सी यहाँ कला बहकी .
पेड़ लिपटाए गिर्द बेलों को ,
देखिये सोचिये अदा बहकी .
जान-ए-मन,जान-ए-जां,जान-ए-नग्मा ;
ताल दे दो जरा जरा बहकी.
दीप जीरवी
देखिये न तभी हवा बहकी .
यार!मयखाने हैं झुकी पलकें ;
साँस चलती है दिलरुबा बहकी .
मरमरी जिस्म ,उफनता यौवन ;
मेरी नीयत कहा कहा बहकी .
साँस कुछ तेज़ तेज़ चलती है ;
मोहनी सी यहाँ कला बहकी .
पेड़ लिपटाए गिर्द बेलों को ,
देखिये सोचिये अदा बहकी .
जान-ए-मन,जान-ए-जां,जान-ए-नग्मा
ताल दे दो जरा जरा बहकी.
दीप जीरवी
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