शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

तराना प्यार का ;दिलबर ! सुनाओ, तो सुनेंगे ;



अजी लो आप को भी इश्क आखिर हो गया ना .
अरे  सुख चैन देखो आप का भी खो गया ना.


बड़ा दावा ,ये था किह इश्क से होता क्या है ?!
अजी लो देखलो दिल आपका तोह भी गया ना .?!

हमे कहते थे मजनूं; आप लेकिन आप का ही ,
जनून-ए-इश्क की वहशत में दिल अब खो गया ना ?!


चिरागां हो सकेगा गर जलाओगे यहाँ दिल
करोगे कुछ नया तो ही कहोगे कुछ नया ना

तराना प्यार का ;दिलबर ! सुनाओ, तो सुनेंगे ;
फसाना इश्क का ,हर बार होता है नया ना


जलेंगे दीप से जब दीप ऐ दिलबर सुनो ! तो ;
मिटेगा तीरगी का दौर यह मैंने कहा ना

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deepzirvi
9815524600



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deepzirvi
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