मंगलवार, 15 नवंबर 2011

तेरी तस्वीर में शोखी , अदा है बलवा है ;


तेरी तस्वीर में शोखी , अदा है बलवा है ;
और तुझ में वफा है मुहब्बत का जलवा है
तेरी तस्वीर की रंगीनिया खो जाएँ भी;
उम्र का असर मुहब्बत पे न हो पाए गा;
हो गी ये नौजवान बरस बरस बीतें गे ,
हो गी ये नौजवान सरस सरस भीगें गे ;
'दिल नगर' आ के जरा देख लो अहिस्ता से
अपने रहने की जगह कितनी है शाइस्ता ये .
ख्वाब शीशे से भी नाज़ुक से हुआ करते है ;
इसलिए तुम से ये कहने से हम डरते हैं .
मेरी इस बात से वो ऐसे खफा न हो जाए ;
मेरी उस बात से वो  वैसे खफा न हो जाए.
अब तो उस के सिवा मैं  जाऊं भी कहाँ जाऊं
वो नजर आए है मुझ को जाऊं मैं जहाँ जाऊं   
 तेरी तस्वीर में शोखी , अदा है बलवा है ;
और तुझ में वफा है मुहब्बत का जलवा है
दीप जीर्वी 9815524600